भोपाल
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में शामिल एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि जब तक कमलनाथ की सरकार है, तब तक मैं उनके साथ हूं। आगे उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर सरकार गिर जाती है तो मेरे विकल्प खुले रहेंगे। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला लूंगा।
मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने दावा किया था कि बीजेपी काले धन के जरिए कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यह आरोप भी लगाया कि यह सब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर हो रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी के कुछ नेता आठ विधायकों को जबरन हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, 'पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और रामपाल सिंह सहित अन्य बीजेपी नेता साजिश के तहत आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में जबरन ले गए। विधायकों ने हमें बताया कि भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें जबरन वहां ले जाया गया।'

पटवारी ने कहा कि हम उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनमें से चार विधायक वापस भी आ गए हैं, लेकिन आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह को जबरन उठा लिया गया है। पटवारी के इस बयान से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी पर कांग्रेस के विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) के आरोप लगाते हुए दावा किया था कि बीजेपी के एक पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह बसपा की विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं।
बीजेपी ने दिग्विजय के इस दावे को खारिज करते कहा कि राज्यसभा के 26 मार्च को होने वाले चुनाव में अपना नामांकन सुनिश्चित करने के लिये वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।
