विधायकों ने नहीं उठाई BJP पर ऊंगली, तो कमलनाथ के खिलाफ किसने की साजिश?

 भोपाल 
गुरुग्राम के एक होटल में कुछ विधायकों को लाने की खबरों के बीच मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिरने की साजिश का आरोप लगाया गया। लेकिन, जिन विधायकों को बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त के प्रयास का इल्जाम लगाया गया, उन विधायकों में से किसी ने भी बीजेपी का नाम नहीं लिया। इसके बाद अब राजनीतिक हलकों में अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इन सबके पीछे किसका दिमाग था और इसका क्या उद्देश्य था।

जिन आठ विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगा उनमें से पांच विधायकों ने घर वापसी की है और किसी ने भी बीजेपी पर आरोप नहीं लगाया। बल्कि, कांग्रेस के विधायक एइंदल सिंह कंसाना, बीएसपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और एसपी के विधायक राजेश शुक्ला सभी ने यही कहा कि वे दिल्ली कुछ काम से गए थे और किसी भी पक्ष की तरफ से उन्हें कोई ऑफर नहीं किया गया था।
 
कुछ बीजेपी विधायकों ने अपनी बंदूक की नोक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की ओर घुमा दी। सबसे दिलचस्प बात ये है कि कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघर की तरफ से किए गए ट्विटर पर पोस्ट ने बीजेपी को कांग्रेस नेता पर हमला करने का एक मौका दे दिया।

उमंग सिंघर ने ट्वीट करते हुए कहा- “कमलनाथ सरकार पूरी से सुरक्षित है। यह राज्यसभा में एंट्री की एक लड़ाई है। बाकी, आप लोग खुद समझदार हैं।” दिग्विजय सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल इस साल अप्रैल में खत्म हो रहा है।

खास बात ये है कि उमंग सिंघर, जिन्होंने पिछले सात सितंबर में पर्दे के पीछे रहकर कमनाथ सरकार को चलाने का आरोप लगाया था, इस वजह से सरकार और सत्तधारी पार्टी के बीच बहस चल पड़ी थी। सिंघर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए उनसे सरकार के मामलों में दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप रोकने तक का अनुरोध कर दिया था

सिंघर के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी विधायक और प्रवक्ता रामेश्वर शर्मा ने कहा- “इसका मतलब ये है कि वह (दिग्विजय सिंह) खुद विधायकों को बिकाऊ की तरफ पेश किया है और वह राज्यभा के लिए पार्टी को ब्लैकमेल किया है।”

Noman Khan
Author: Noman Khan

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