मौसम ने बदली करवट बारिश के साथ गिरे ओले

ग्वालियर

प्रदेश में बदलते राजनैतिक मौसम के बीच कुदरत का मिजाज भी बदल रहा है। जिसका प्रभाव ग्वालियर चंबल अंचल में दिखाई दे रहा है। यहाँ एक सप्ताह में चार बार बारिश हो चुकी है। बीती रात तो बारिश के साथ 50से 100 ग्राम तक के ओले भी गिरे । अचानक बदले मौसम से वे किसान परेशानी में आ गए हैं जिनकी फसल खेतों में तैयार खड़ी है।

ग्वालियर चंबल अंचल सरसों और गेहूं की फसल के लिए जाना जाता है । इस समय तीनों ही फसलें तैयार हैं। सरसों की फली पक रही है तो गेहूं में भी बाली आ चुकी है लेकिन अचानक बदले मौसम के मिजाज ने किसान को परेशानी में डाल दिया है। 29 फरवरी की शाम अचानक अंचल के ग्वालियर, भिंड और मुरैना में तेज बारिश दर्ज की गई। उसके बाद 3 मार्च को ग्वालियर में दिन में बहुत तेज बारिश हुई। 4 मार्च को थोड़ी राहत मिली तो पांच मार्च की रात अचानक बारिश के साथ ओले गिरना शुरू हो गए।

मटर चने के आकार से शुरू हुए ओले थोड़ी देर में, 50से 100 ग्राम में बदल गए। लगभग आधे घंटे की बारिश में 15 मिनट ओलों की बारिश हुई। साथ ही 30किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इसका प्रभाव ग्वालियर ही नहीं मुरैना, भिंड और श्योपुर में भी दिखाई दिया यहाँ भी तेज बारिश और ओले गिरे। भिंड के कई इलाकों में डेढ़ घंटे से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई जिससे सरसों और गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। मुरैना के सबलगढ़ और श्योपुर के विजयपुर और वीरपुर में भी गेहूं और सरसों की फसल के नुकसान की खबर है। ग्वालियर में गुरुवार रात में बारिश बंद होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली तो शुक्रवार 6 मार्च की सुबह फिर बारिश ने दस्तक दी। एक बार फिर करीब 20 मिनट तक तेज बारिश हुई। इस बारिश और ओलों ने उन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है जिनकी फसलें खेतों में तैयार खड़ी है। अचानक आये मौसम में बदलाव की वजह मौसम वैज्ञानिकों ने दक्षिण पश्चिमी विक्षोभ को बताया है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि अगले 24 घंटे में बारिश और ओले गिर सकते हैं।

 

Noman Khan
Author: Noman Khan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

What does "money" mean to you?
  • Add your answer
[adsforwp id="60"]
error: Content is protected !!