रायपुर
पिछली सरकार के कार्यकाल का एक बड़ा मामला फिर सदन में उठते ही गरमा गया है जिसमें सहायक प्राध्यापकों को पदोन्नति दी तो गई थी लेकिन इसका विवरण सरकार के पास उपलब्ध नहीं हैं। वंचित कुछ लोग कोर्ट तक पहुंचे थे लेकिन कोई नतीजा नहीं मिला। अब कांग्रेस सरकार में फिर मामला उठने से न्याय की उम्मीद बंधी है। दो दर्जन से अधिक को सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक पद पर प्रमोट कर दिया गया था। तकनीकी समिति की अनुशंसा पर किया जाना बताया गया था लेकिन समिति की रिपोर्ट ही गायब है।
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा के सवाल पर लिखित जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि समिति की बैठक कब-कब हुई, इसका विवरण नहीं है। पिछली सरकार में वर्ष-2016 में सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक के पद पर पदोन्नति में भारी अनियमितता हुई थी। इसको लेकर अलग-अलग स्तरों पर शिकायत हुई थी। उच्च शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने भी गड़बड़ी को माना था, लेकिन विभागीय मंत्री ने इन अनुशंसाओं को नजर अंदाज कर दिया। पदोन्नति से वंचित कई सहायक प्राध्यापक हाईकोर्ट भी गए। सरकार बदलने के बाद एक बार फिर इन गड़बडिय़ों को दुरूस्त करने के लिए सरकार पर दबाव बना है।
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यह बात सामने आई थी कि केवल 259 सहायक प्राध्यापकों का रिकार्ड बाह्य मूल्यांकन कार्य के लिए भेजे गए। इन मूल्यांकन पत्रों को पदोन्नति समिति के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया गया,और छांटकर केवल पांच फीसदी सहायक प्राध्यापक के पद पर पदोन्नति दी गई। जिन सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर पदोन्नति दी गई, उनमें उमाकांत मिश्रा बलौदाबाजार, नंदनी तिवारी हिन्दी, डॉ. चारूचंद्र मिश्रा, डॉ. जीए घनश्याम अंग्रेजी, डॉ. शोभित कुमार बाजपेयी वाणिज्य, डॉ. चंदन मिश्रा समाजशास्त्र, डॉ. अभिलाषा सैनी समाजशास्त्र, डॉ. गिरीशकांत पाण्डेय सैन्य विज्ञान, डॉ. रीचा ठाकुर नृत्य, डॉ. मीरा गुप्ता भौतिक शास्त्र, अंजली अवधिया भौतिक शास्त्र, डॉ. अनिल कुमार पाणिग्रही भौतिक शास्त्र, सिद्धात्री कुमार श्रीवास्तव, विनोद कुमार दुबे भौतिक शास्त्र, डॉ. समीर ठक्कर, डॉ. पुरूषोत्तम झा गणित, गुरूचरण सिंह सलुजा गणित, रोहित कुमार वर्मा गणित, डॉ. श्याम कुमार पटेल रसायन शास्त्र, डॉ. किशोर कुमार तिवारी रसायन शास्त्र, डॉ. प्रेमप्रकाश सिंह प्राणीशास्त्र और डॉ. अनिल कुमार प्राणी शास्त्र हैं। सरकार पर दबाव बढ़ा है कि इसकी जांच हो।
