मेलबर्न
मध्यक्रम अनुभवी बल्लेबाज वेदा कृष्णमूर्ति का मानना है कि भाग्य भारत के साथ है और अगर उन्होंने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में दबाव का डटकर सामना किया तो वे पहला आईसीसी महिला टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम कर सकती हैं। भारतीय टीम ने पहली बार टी20 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया है और उसने टूर्नमेंट के शुरुआती मैच में गत चैंपियन को 17 रन से हराकर उलटफेर किया था। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय टीम गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के बारिश की भेंट चढ़ने के बाद ग्रुप चरण में एक भी मैच नहीं हारने के शानदार रेकॉर्ड से फाइनल में पहुंच गई।
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वेदा कृष्णमूर्ति उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं जो 2017 महिला वनडे विश्व कप में उप विजेता थी और इंग्लैंड ने खिताब जीता था। वह जानती हैं कि विश्व खिताब चूकने का दर्द क्या होता है। उन्होंने टूर्नमेंट की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘यह भाग्य की बात है और मैं भाग्य पर बहुत भरोसा करती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि यह ऐसा ही होना था। एक चुटकुला भी चल रहा है कि इस विश्व कप को इस तरह से बनाया गया है कि यह हमारी मदद कर रहा है जिसमें विकेट से लेकर हर चीज मददगार हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘फाइनल में पहुंचना ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन का इनाम है। अगर मौसम हमारे नियंत्रण में नहीं था लेकिन अपने सभी मैच जीतने का हमें फायदा मिला।’ वेदा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘हमने कहा कि पहला लक्ष्य फाइनल में पहुंचना था और फिर आगे कदम बढ़ाना। हम पहला चरण पार कर चुके हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हम दबाव में नहीं आये। हम फाइनल के दिन हम वही करेंगे जो हमने करने की जरूरत है।’
