बोधगया
बिहार में जल्द भिखारियों को स्मार्ट कार्ड मिलेंगे। इसमें उनका पूरा ब्योरा रहेगा और वे सरकारी लाभ के हकदार होंगे। पहले चरण में गया और बोधगया में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए हैं। इसके बाद इसे पूरे बिहार में लागू किया जाएगा।
गया में देशभर से जबकि बोधगया में दक्षिण एशिया समेत विश्व के कई देशों से लोग आते हैं। दोनों की धार्मिक मान्यता होने के कारण लोग यहां दान भी करते हैं। कई पर्यटक विदेशी मुद्राओं में भी भिक्षा देते हैं। मंदिरों के आसपास भीख मांगने वाले बच्चे और युवक-युवतियां विदेशी भाषाओं के शब्द बोलते भी दिख जाते हैं। दान से कमाई के कारण यहां भिखारियों की तादाद बढ़ती जा रही है।
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ऐसे में बिहार सरकार की ओर से शुरू की जा रही भिक्षावृत्ति निवारण योजना की शुरुआत गया-बोधगया से की जा रही है। भिखारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर (सक्षम) को इस काम का जिम्मा दिया गया है। सक्षम की जिला प्रबंधक मुनमुन पांडेय के अनुसार, भिखारियों को समाज के मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। उनके पुनर्वास के लिए डाटा तैयार हो रहा है। योजना लागू हो जाने के बाद भिखारियों की पूरी जानकारी सरकार के पास ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। उन्हें विभाग की ओर से स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा।
संख्या बढ़ी तो संदिग्ध माने जाएंगे
रजिस्ट्रेशन कार्य से जुड़े समुदाय प्रेरक जितेन्द्र कुमार रजिस्ट्रेशन के दौरान सर्वेक्षण फॉर्म को ऑनलाइन भरा जा रहा है। मुख्यालय से स्मार्ट कार्ड बनाकर सभी को मिलेगा। पर्यटक सत्र के दौरान अगर भिखारियों की संख्या बढ़ी तो उसे संदिग्ध माना जायेगा। स्मार्ट कार्ड बनने से सही भिखारी को ही कोई दान दे सकेगा। पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से भी भिखारियों की पहचान सार्वजनिक रहेगी। बाल भिखारियों को इससे अलग रखा गया है।
देश के दस शहरों में तैयारी
बिहार सरकार की भिक्षावृत्ति निवारण योजना के बारे में सूचनाएं मांगी हैं। योजना कस विस्तार कर देश के 10 बड़े शहरों में यह योजना चलाई जा सकती है। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, लखनऊ और इंदौर में भी यह योजना लागू की जा सकती है।
क्या है भिक्षावृत्ति निवारण कार्यक्रम
पुरुष और स्त्री भिक्षुकों के लिए अलग-अलग सेवा कुटीर और शांति कुटीर की स्थापना की गई है। संस्था 'सक्षम' द्वारा उनके कौशल विकास, स्वास्थ्य आदि का ध्यान रखा जाता है। उनके पुनर्वास की कोशिश की जाती है।
स्मार्ट कार्ड में ये जानकारी
भिखारी का फोटो, नाम, वर्तमान व स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता, बीपीएल व आधार संख्या, भिक्षाटन का कारण व स्थान, वैवाहिक स्थिति, धर्म, स्वास्थ्य की स्थिति, आश्रय का प्रकार, निर्भर परिवारों की संख्या।
ये फायदे होंगे
भिखारियों की कुल संख्या पर नियंत्रण रखा जा सकेगा
सरकार के पास पुनर्वास के लिए डाटाबैंक बनेगा
पता चल सकेगा कि किस योजना का लाभ मिल रहा
पुलिस के पास भिखारियों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा
