गन्ना उत्पादकों के लिए मीठी खबर,355 रुपए में होगी खरीदी

रायपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों से 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर गन्ना खरीदेगी। उन्होंने दोहराया कि किसानों को धान का 2500 रूपए प्रति क्विंटल दाम मिलेगा। बजट में घोषित की गई कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में किसानों को समर्थन मूल्य और 2500 रूपए के अंतर की राशि दी जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए पर धान खरीदी से छत्तीसगढ़ का किसान मजबूत हुआ। देश में यह पहली बार हुआ कि ढाई लाख से अधिक किसान छत्तीसगढ़ में खेती की ओर लौटे। जब किसान मजबूत होंगे तो गांव, राज्य और देश भी मजबूत होगा। उन्होंने केन्द्र सरकार से धान से इथेनॉल के उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापना की अनुमति प्रदान करने का आग्रह दोहराते हुए कहा कि यदि अनुमति मिलती है तो किसानों को धान की अच्छी कीमत मिलेगी। पेट्रोलियम ईंधन में खर्च होने वाले पेट्रोडॉलर की बचत होगी। ऐसा होता है तो यह पूरे देश के किसानों के लिए एक नजीर बनेगा। श्री बघेल ने शक्कर कारखानों में उत्पादित शक्कर की खरीदी पर केन्द्र द्वारा लगाए गए कैप (शक्कर खरीदी की मात्रा) हटाने या गन्ने से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से नए-नए उद्योग खुलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन आज छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में अनार्थिक हो गया है। कृषि और पशुपालन को लाभप्रद बनाने के लिए नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के माध्यम से हमारे पुरखों की परम्परा को पुनर्जीवित कर व्यवस्थित करना होगा। सिंचाई सुविधाएं बढ?े से किसान दूसरी और तीसरी फसल भी लेना चाहते हैं, लेकिन फसल को मवेशियों से बचाना चुनौतिपूर्ण काम बन गया है। खेतों की फेंसिंग और रखवाली करनी पड़ती है। इससे कृषि लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना नया प्रयोग है। इसमें सुधार के लिए सभी सदस्य अपने सुझाव दे सकते हैं। छत्तीसगढ़ की यह योजना कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश के लिए नजीर बन सकती है। उन्होंने कहा कि गौठानों के लिए गांवों में 3 से 5 एकड़, चारागाह के लिए 5 से 10 एकड़ जमीन चिन्हित की जानी चाहिए। गौठानों में छाया के लिए घास-फूस से व्यवस्था करनी चाहिए। गौठानों में नस्ल सुधार का काम भी आसानी से किया जा सकता है।

Noman Khan
Author: Noman Khan

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