अनुपम खेर यानी भारतीय सिनेमा का वह ऐक्टर जिसने 28 साल की उम्र में 65 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया। वह ऐक्टर जिसने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाया। वह ऐक्टर, जिसे 5 बार 'बेस्ट कमीडियन' का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। एक बेहतरीन ऐक्टर होने के साथ-साथ अनुपम खेर एक दिलचस्प इंसान भी हैं। 7 मार्च को अनुपम खेर अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं।
वो फिल्म जिसने जिंदगी बदल दी
उम्र के 65वें पड़ाव में एंट्री कर चुके अनुपम खेर की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जो बताते हैं कि वह अपने काम के प्रति कितनी लगन रखते हैं। आज बात उस दौर की करेंगे, जब अनुपम इंडस्ट्री में नए थे। 'सारांश' फिल्म की तैयारी चल रही थी। वह फिल्म जिसने अनपुम खेर की जिंदगी बदल दी।

एक बूढ़ा बाप, जो इंसाफ के लिए लड़ता है
महेश भट्ट की ‘सारांश’ में अनुपम खेर ने 65 साल के बुजुर्ग इंसान का किरदार निभाया था। वो बूढ़ा, जो अपने जवान बेटे की मौत के सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है। वह जो इंसाफ के लिए लड़ता है। तब अनुपम खेर महज 28 साल के थे। लेकिन पर्दे पर उन्होंने ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि असल जिंदगी में 65 साल का इंसान भी धोखा खा जाए।
संजीव कुमार को अप्रोच कर रहे थे मेकर्स
यह दिलचस्प है कि जहां एक ओर अनुपम खेर इस फिल्म की तैयारी में जी-जान से जुटे हुए थे, वहीं महेश भट्ट इस फिल्म के लिए संजीव कुमार को अप्रोच कर रहे थे। बताया जाता है कि तब महेश भट्ट अनुपम खेर की काबिलियत पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे। वजह यह थी कि अनुपम खेर तब इंडस्ट्री में नए थे।
8 महीने की तैयारी के बाद लगा झटका
सिनेमा के गलियारों में यह किस्सा बहुत चर्चित है। ‘सारांश’ का ऑफर मिलते ही अनुपम खेर रोल की तैयारी में जुट गए थे। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से निकलने के बाद अनुपम खेर के लिए यह बड़ा मौका था। लेकिन करीब 8 महीनों तक तैयारी के बीच एक दिन उन्हें पता चला कि यह रोल उनसे छिनने वाला है।
प्रोड्यूसर्स चाहते थे पॉप्युलर ऐक्टर
'सारांश' के प्रोड्यूसर ताराचंद बड़जात्या थे। राजश्री प्रोडक्शंस चाहता था कि फिल्म में कोई नया चेहरा नहीं, बल्कि पॉप्युलर स्टार होना चाहिए। संजीव कुमार तब गंभीर किरदारों में बड़ा नाम थे। अनुपम खेर को जब इस बात की खबर ली, तो पहले तो वह यकीन नहीं कर पाए। लेकिन जब बात पुख्ता हुई तो उन्होंने महेश भट्ट को फोन मिला लिया। भट्ट ने जब उन्हें सच बताया तो अनुपम खेर का दिल टूट गया।
महेश भट्ट ने समझाया, लेकिन…
अनुपम खेर गुस्से में भी थे और उन्हें खीझ भी हो रही थी। वह अपना सामान पैक करने लगे और वापस घर जाने का मन बना लिया। लेकिन फिर उन्होंने तय किया कि जाते-जाते एक बार महेश भट्ट से जरूर मिलेंगे। अनुपम खेर महेश भट्ट से मिलने पहुंचे। उन्होंने अनुपम को मनाने की कोशिश की कि वह फिल्म में कोई और रोल कर लें। लेकिन अनुपम खेर तैयार नहीं थे।
अनुपम ने गुस्से में कहा- धोखेबाज
महेश भट्ट ने अनुपम को समझाया कि संजीव कुमार के साथ फिल्म करने से उनका करियर ग्राफ भी मजबूत होगा। अनुपम खेर को इन सब बातों पर गुस्सा आ रहा था। बताया जाता है कि उन्होंने तब महेश भट्ट को खूब बुरा-भला कहा। उन्होंने भट्ट को 'धोखेबाज' तक कह दिया था। अनुपम गुस्से से वहां से चले गए। लेकिन मुलाकात के बाद महेश भट्ट सोच में पड़ गए।
…और फिर कल्ट फिल्म बन गई 'सारांश'
महेश भट्ट ने राजश्री प्रोडक्शंस को फोन लगाया और कह दिया कि वो अनुपम के साथ ही ‘सारांश’ बनाएंगे। महेश भट्ट ने यहां तक कहा कि यदि राजश्री इस फिल्म से नहीं जुड़ना चाहे तो वह दूसरा प्रोड्यूसर तलाश लेंगे। बहरहाल, फिल्म बनी। 25 मई 1984 को 'सारांश' रिलीज हुई। इस फिल्म को हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्मों में गिना जाता है। 1985 के ऑस्कर के लिए भी इस फिल्म को भेजा गया। अनुपम खेर को 'सारांश' के लिए बेस्ट ऐक्टर का अवॉर्ड भी मिला।
