इंदौर
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामविलास वेदांती का कहना है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले भगवान राम के भव्य मंदिर का बुनियादी हिस्सा बनकर तैयार हो जाएगा. 2024 में अगला लोकसभा चुनाव होना है और इससे पहले भगवान राम का मंदिर बन जाने की संभावना है.
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रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामविलास वेदांती ने रविवार को इंदौर में एक कार्यक्रम में अनुमान जताया कि 2024 के अगले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का बुनियादी हिस्सा बनकर तैयार हो जाएगा.
राम विलास वेदांती ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ट्रस्ट (श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास) के गठन के बाद अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मुझे लगता है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले इस मंदिर का बुनियादी ढांचा खड़ा हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनेगा, इसलिए इसके निर्माण में राम जन्मभूमि परिसर की 67 एकड़ की जमीन कम पड़ेगी. हो सकता है कि सरकार की ओर से गठित ट्रस्ट को भव्य मंदिर के निर्माण के लिए इस परिसर के आस-पास की भूमि का अधिग्रहण करना पड़े.
ट्रस्ट में क्यों नहीं हुए शामिल?
पूर्व बीजेपी सांसद राम विलास वेदांती ने दोहराया कि साधु-संतों की इच्छा के मुताबिक अयोध्या में 1,111 फुट ऊंचा राम मंदिर बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की ऊंचाई इतनी होनी चाहिए कि मंदिर इस्लामाबाद, कोलंबो और काठमांडू से भी दिखाई दे.
सबसे ऊंचे मंदिर के निर्माण को लेकर वेदांती ने कहा कि हमारी इस इच्छा के अनुरूप केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान राम की जन्मभूमि पर गगनचुंबी मंदिर बनाने की घोषणा की है.
सरकार की ओर से गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में वेदांती और राम जन्मभूमि आंदोलन के अन्य दिग्गज नेताओं को शामिल नहीं किया गया. इस बारे में पूछे जाने पर वेदांती ने कहा, 'जिन लोगों के कोर्ट में मामले विचाराधीन हैं या जो दलगत राजनीति में शामिल होकर चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें इस ट्रस्ट में नहीं रखा गया है. मैं खुद दो बार लोकसभा सांसद रह चुका हूं.'
