अनील मुथा की खास रिपोर्ट
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अरे वाह…फिर भ्रष्टाचार के खिलाड़ी खेल खेलने को तैयार
खिलौना घोटाला करने वाली ब्लैक लिस्टेड फर्म /बिचौलिए फिर सक्रिय…!
जिला प्रशासन को चुनावी वर्ष मे भ्रष्ट सरकार का दाग न लगे इस पर रखना चुनौती कैसे रखें ऐसे तथाकथित राजनीति के तमगों से सज्जित सप्लयरो का ध्यान..!
मानिटरिंग अधिकारी को रहना होगा सतर्क यह सप्लायर सीधे संबंध मंत्रालय/ मंत्री से होने का रोब झाडकर या अपना रिश्तेदार का डर दिख कर विभागीय अधिकारियों को लेते हैं अपने शिकंजे में…!
झाबुआ..जिले की जनता के साथ चंद महीनों पहले ही बच्चों जरूरतमंदों के लिए आने वाली योजनाओं में इतना भ्रष्टाचार हुआ था यह जिले की जनता भूल ही नहीं थी कि… जिनमें प्रमुख स्कूली बच्चों का खिलौना घोटला… आंगनवाड़ी में साड़ी सप्लाई ,..जनपद में बर्तन सप्लाई …कॉलेज में बच्चों को दी जाने वाली कीट… ,स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों सर्जिकल सामग्रीया…,मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में…. ,स्कूल ड्रेस घोटाला…. ,एन आर एल एम जैसे अनेक घोटाले जो जिले भर नही प्रदेश भर में चर्चाओं में रहा… और प्रदेश के मुखिया की फटकार के बाद सभी फर्मो पर मामले भी दर्ज हुए.. झाबुआ की भी एक फर्म पर मामला दर्ज हुआ… जिसका तथाकथित सप्लायर सीधे प्रदेश के नेताओं से सम्बंध होने की ही बात करता है… ओर जिसने कई नेताओ का नाम ले लेकर स्कूलों में इतने घटिया किस्म के खिलौने दिये कि जांच हुई तो कुछ जगह से रातोंरात खिलोने भी वापिस उठा लाया ओर फरार भी हो गया… भाजपा के बडे नेता ने भी इस घोटाले में इसकी मदद की थी… लेकिन जब मामला दर्ज हुआ तो सब ग़ायब हो गए… अब एक बार फिर इन भाजपा नेताओं और पत्रकारों के साथ मिल फिर से सरकारी मलाई चाटकर जनता को चूना लगाने की तैयारी कर रहें है… तथाकथित जनप्रतिनिधियो के साथ इनकी बैठक भी हो रही है… किसी के साथ धार्मिक स्थल पर छिप कर…तो किसी के साथ आफिस, दुकान और घर पर… और ये सब मिल कर तैयारी कर रहे है कि प्रशासन को इस बार इन सप्लायर पर कार्रवाई ना करें… और सब मामला सेट हो जाए…हमारी जानकारी अनुसार यह सप्लायर नहीं ,नई फर्मो एवं जिले की बहार से फलों को हायर कर उनके माध्यम से ये सप्लायर काम काम कर रहे है… और मंदिर, घर और दुकान पर मिलने वाले यह इच्छा रखते हैं कि खबर भी नही छपें और अधिकारियों और कर्मचारियों से भी बात करेंगे… ये मामला भी सेट हो गया है… यह सप्लायर सोच रहे है वो भी बच जाएँगे लेकिन इस बार ऐसा ही बेखौफ भ्रष्टाचार का खुला खेल होता है, तो निश्चित ही इस बार अधिकारियों सप्लायरो की साठगांठ का आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा और… इसके बाद भी अब भी प्रशासन आंखों पर पट्टी बांधे रखें तो निश्चित ही जनता मे यह संदेश जाएगा कि विभाग और भ्रष्टाचारी सप्लायर मिलकर डकार रहे हैं, कल्याणकारी योजनाओं की राशि। कलेक्टर कलेक्टर सोमेश मिश्रा को इन्हीं भ्रष्टाचार पर अंकुश ना लगाने के कारण हटना पड़ा था।

