नई दिल्ली
बीते साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए जैश के आतंकी हमले को फरवरी के पहले सप्ताह में अंजाम दिया जाने वाला था। इसके लिए पूरी तैयारी भी हो चुकी थी लेकिन मौसम की वजह से इसे दूसरे सप्ताह के लिए टाल दिया गया था। पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
पुलवामा हमले को लेकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाकिर बशीर माग्रे ने एनआईए की पूछताछ में कई खुलासे किए। बशीर को एनआईए ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। एनआईए की इस पूछताछ के बारे में जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आतंकी हमले के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए हमले को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आतंकियों को हमले के लिए फिर से जम्मू कश्मीर पर सीआरपीएफ के काफिले को गुजरने तक इंतजार करना पड़ा।
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एक अधिकारी ने कहा, 'शाकिर माग्रे द्वारा किए गए खुलासे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वह गिरफ्तार होने वाला पहला व्यक्ति था जो बम की व्यवस्था करने, उसे फिट करने में मदद करने और अहमद डार को आश्रय देने से लेकर योजना बनाने तक सब कुछ जानता था। इससे यह भी स्पष्ट रूप से पता चलता है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह ने काफिले को कैसे निशाना बनाया। अब हम पुलवामा हमले में चार्जशीट दायर कर सकेंगे।'
पुलवामा हमले में सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार ने खुद को उड़ा लिया था। इस मामले में एनआईए ने पिता-बेटी और शाकिर माग्रे को हाल ही में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, माग्रे ने एनआईए की पूछताछ में बताया कि हमले के बारे में अक्टूबर से ही तैयारियां होने लगी थी। पहली बार इसपर चर्चा जून, 2018 में हुई थी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद उमर फारूक को हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि जैश के एरिया कमांडर मुदस्सिर खान ने पूरी योजना की देखरेख की थी।
हमले वाली जगह को लेकर अधिकारी ने कहा कि फैसला लिया गया था कि इस स्थान पर आत्मघाती बम से हमला किया, क्योंकि यहां से नेशनल हाईवे थोड़ा छोटा हो जाता है। इस वजह से सीआरपीएफ काफिले को अपनी गति कम करनी होगी।
इस पूछताछ में माग्रे ने एनआईए को बताया कि लगभग 50 किलोग्राम विस्फोटक के साथ एक शक्तिशाली आईईडी उमर फारूक, कामरान, डार आदि ने फरवरी के पहले सप्ताह में एक मारुति ईको कार में फिट किया था। अधिकारी ने कहा कि माग्रे वह शख्स था, जिसने कार में बदलाव किए थे। उसने नंबर प्लेट बदल दी थी। वहीं, विस्फोटक का इंतजाम जैश आतंकियों ने पाकिस्तान से किया था। इसके अलावा बैटरी, ग्लव्स और अमोनियम पाउडर इंटरनेट से मंगाए गए थे।
