अयोध्या
अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला सीआरपीएफ के ही साए में ही महफूज रहेंगे। मंदिर निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए गर्भगृह के मूल स्थान से उन्हें परिसर के दूसरे हिस्से में स्थानान्तरित किया जाएगा। आइसोलेशन जोन बरकरार रहेगा और इसकी सुरक्षा व्यवस्था भी यथावत बनी रहेगी।
इसके अलावा रामलला के स्थान बदलने के साथ रेड जोन की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव होगा। इस बीच दर्शनार्थियों की दुश्वारियों को कम करने के लिए यलो जोन की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने की तैयारियां की जा रही हैं।
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रामजन्मभूमि परिसर गर्भगृह व परिसर के अलावा परिसर से बाहर के क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था अलग-अलग जोन के अनुसार श्रेणीबद्ध की गई है। गर्भगृह में विराजमान रामलला की सुरक्षा व्यवस्था आइसोलेशन जोन के अन्तर्गत है। इस जोन में सुरक्षा की कमान ढांचा ध्वंस के बाद से ही सीआरपीएफ के हवाले रही है। 2.77 एकड़ परिसर से अलग 68 एकड़ परिसर की सुरक्षा व्यवस्था रेड जोन के अन्तर्गत थी।
इसकी सुरक्षा में सीआरपीएफ के अलावा पीएसी व सिविल पुलिस के जवान भी शामिल किए गए। इसके अतिरिक्त यलो जोन से बाहर रामकोट क्षेत्र यलो जोन के अन्तर्गत था। इसका दायरा बढ़ाकर सम्पूर्ण पंचकोसी परिक्रमा पथ के अंदरुनी भाग को कर दिया गया है।
